कुमगढ़ पत्रिका अंक सितम्बर-अक्तूबर, 2022 मा प्रकाशित म्येरी स्वरचित रचना
पाड़ै बेटी
जौंका सुपिन्या
ह्वन्दन,
पढ़ि लिखिक नौकरी पौला,
खाण कमौणा खातिर,
दूर परदेस जौला।
यनु हि स्वचिक,
ऐ थै अंकिता भण्डारी
चीला,
क्रूर राक्षसुन खत्म
करि,
जैंकि जीवन लीला।
आबरु बचौणा खातिर,
करि अपणु बलिदान,
पाड़ै बेटी नमन त्वेकु,
तू थै हमारा पाड़ै
शान।
हर उत्तराखण्डी दु:खी
छ,
मिल्युं चैन्दु अंकिता
तैं न्याय,
दुराचारियौं तैं फांसी
हो,
जौंन करि अति अन्याय।
घंघतोळ भि होणु छ?
क्या अदालत करलि न्याय,
दर्जाधारी सब सबूत मिटैक,
फिर करला अति अन्याय।
शत् शत् नमन त्वेकु,
पाड़ै बेटी अंकिता
भण्डारी,
हृदय सी श्रध्दाजंलि,
तू थै पाड़ै बेटी
हमारी।
जगमोहन सिंह जयाड़ा “जिज्ञासू”
ग्राम: बागी-नौसा, पट्टी: चन्द्रवदनी,
पौ.औ. कुंडड़ी, टिहरी गढ़वाळ,
दूरभाष: 9654972366
दिनांक 05/10/2022