प्याज की पिराण कम,
अर कीमत यूं आंख्यौं मा,दणमण आंसू ल्हौणि छ,
जू प्याज कू,
प्रयोग नि करदा,
ऊंकू अर्थशास्त्र,
यीं मति तै समझौणु छ,
नि खैल्यु त क्या हवे,
तू फिकर न कर,
भूख सी तू मन्न सी रै,
हे अपणा पहाड़ कू ,
कोदु झंगोरु हि,
ज्यू भरिक खै,
कब्बि त होलु प्याज,
बजार मा सस्तु,
जग्वाळ मा रै,
जब हवै जालु,
दस रुप्या किलु,
तब ज्यू भरिक प्याज,
छक्कि छक्कि खै,
क्या बोन्न रे प्याज त्वैकु।
-जगमोहन सिंह
जयाड़ा जिज्ञासु
सर्वाधिकार
सुरक्षति एवं ब्लाग पर प्रकाशित14.8.13
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