उत्तराखंड का एक गाँव,
जहाँ के लोग,
विविन्न पदों से,
सरकारी सेवा से,
सेवा निवृति के बाद,
दे रहे हैं सेवाएँ,
अपने गाँव लौटकर,
डाक्टर के रूप में,
मरीजों की सेवा करके,
शिक्षक के रूप में,
विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करके,
सैन्य अधिकारी के रूप में,
नौजवानों का मार्गदर्शन करके,
ग्राम प्रधान के रूप में,
गाँव का सतत विकास,
जल जंगल सरंक्षण,
सामाजिक विकास और,
कृषि बागवानी विकास करके,
अगर ऐसा हो,
हर उत्तराखंड के गाँव में,
कितना विकसित होगा,
हमारा उत्तराखंड,
जरा "कल्पना" करो.......
रचना: जगमोहन सिंह जयाड़ा "जिज्ञासु"
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