मेरी प्यारी ब्वे,
मैं तेरी अजन्मी नौनी छौं,
मैकु जन्म लेण दी,
यीं दुनिया मा,
मेरु क्या कसूर छ,
तू पैलि पैल त कर,
यीं दुनिया सी न डर,
मैं तेरु खून छौं,
भ्रूण हत्या पाप कू,
दगडु न कर
-जगमोहन सिंह जयाड़ा "जिज्ञासु"
सर्वाधिकार सुरक्षित 22.11.12
श्री देविंदर नेगी उपदरी जी के सुझाव पर मैंने ये कविता लिखी
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