ऊकाळ उद्यार,
औंदु जांदु थौ,
कोदु झंगोरु,
खांदु थौं,
अपणि डिंडाळि मा बैठिक,
ह्वक्का पेंदु थौ,
फंसोरिक सेंदु थौ,
पर आज,
बोडा की उजड़िगि डिंडाळि,
चौक फुंड जमिगि कंडाळि,
सैडा गौं की नाड़ी नसुड़ि,
हातन लगौंदु थौ,
अपणा माळया बल्दुन,
हौळ लगौंदु थौ,
मुलाज्या भी भारी थौ,
कैकि हदद मदद मा,
पिछनै नि रंदु थौ,
आज वैका नौना बाळा,
चलिग्यन परदेश,
पित्र बणि बोडा,
आज पित्र कूड़ी मा,
गौं भि बेरौनक अब,
बिना बोडा कू,
याद हि रैगिन अब,
बोडा जी की शेष.....
-जगमोहन सिंह जयाड़ा "जिज्ञासु"
सर्वाधिकार सुरक्षित एवं ब्लाग पर प्रकाशित
8.11.2013
औंदु जांदु थौ,
कोदु झंगोरु,
खांदु थौं,
अपणि डिंडाळि मा बैठिक,
ह्वक्का पेंदु थौ,
फंसोरिक सेंदु थौ,
पर आज,
बोडा की उजड़िगि डिंडाळि,
चौक फुंड जमिगि कंडाळि,
सैडा गौं की नाड़ी नसुड़ि,
हातन लगौंदु थौ,
अपणा माळया बल्दुन,
हौळ लगौंदु थौ,
मुलाज्या भी भारी थौ,
कैकि हदद मदद मा,
पिछनै नि रंदु थौ,
आज वैका नौना बाळा,
चलिग्यन परदेश,
पित्र बणि बोडा,
आज पित्र कूड़ी मा,
गौं भि बेरौनक अब,
बिना बोडा कू,
याद हि रैगिन अब,
बोडा जी की शेष.....
-जगमोहन सिंह जयाड़ा "जिज्ञासु"
सर्वाधिकार सुरक्षित एवं ब्लाग पर प्रकाशित
8.11.2013
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