कनु थौ कनु ह्वैगि आज,
बदलिग्यन तैका मिजाज,
क्यौकु ह्वै होलु यनु,
मन मा भारी,
घंघतोळ होयुं,
हे जी क्या होलु अब....
क्वी बोन्ना छन,
निखाण्या ह्वैगि,
क्वी बोन्ना छन,
बल निहोण्यां,
क्वी बोन्ना छन,
अफु सनै,
बडु़ भारी समझदु,
जनु भि बोला,
अपणु हिछ.....
क्यौकु बदलि जांदा मनखि,
सोचा दौं मेरा भै बन्धो,
द्वी दिन की जिंदगी या,
हंसी खुशी सी रौला,
गीत अपणि जल्मभूमि का,
जख भि रौला, खूब गौला....
-जगमोहन सिंह जयाड़ा जिज्ञासु,
सर्वाधिकार सुरक्षति एवं ब्लाग पर प्रकाशित
26.12.13
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