दिखेन्दा छन,
पूर्व दिशा मा,
हिंसरियाखाळ,
पश्चिम दिशा मा,
जामणीखाळ,
उत्तर दिशा मा,
रणसोलीधार,
दक्षिण दिशा मा,
ललोड़ीखाळ...
पूर्व दिशा मा,
हिंसरियाखाळ,
पश्चिम दिशा मा,
जामणीखाळ,
उत्तर दिशा मा,
रणसोलीधार,
दक्षिण दिशा मा,
ललोड़ीखाळ...
खाळ मा खाळ,
निछन आज,
रै होलि कबरि,
क्या बोन्न तब,
मेरा मुल्क मा,
धार ही धार,
खाळ ही खाळ,
दिखेन्दि छन,
दूर दूर तक,
मेरा गौं,
बागी नौसा बिटि....
निछन आज,
रै होलि कबरि,
क्या बोन्न तब,
मेरा मुल्क मा,
धार ही धार,
खाळ ही खाळ,
दिखेन्दि छन,
दूर दूर तक,
मेरा गौं,
बागी नौसा बिटि....
-कवि "जिज्ञासु" का मन का ऊमाळ
28.10.2014, सर्वाधिकार सुरक्षित
28.10.2014, सर्वाधिकार सुरक्षित
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