पैंसा पद पैक मनखि,
भ्वीं नि देखणा छन,
मन मा मनख्वात निछ,
बणौटि बण्यां मन....
यनु किलै ह्वै होलु,
ऊ जमानु याद औणु छ,
मनख्वात उबरि भारी थै,
यनु बतौणु छ.....
सच मा सोचा दौं चुचौं,
मनखि माटु छ,
जिंदगी हमारी या,
ऊकाळि कू बाटु छ....
लग्द बग्द सब्बि लग्यां,
भै बंधी तैं निभावा,
भला बुरा बग्त मा,
एक हैक्का काम आवा....
एक दिन चलि जाण,
सब कुछ सच निछ,
यीं जिदगी मा भलु करा,
जिंदगी कू सच छ....
-जगमोहन सिंह जयाड़ा "जिज्ञासु"
कविमन का ऊमाळ मन कलम सी
सर्वाधिकार सुरक्षित, 5.2.2015
12.40 दोपहर, संपर्क.09654972366
भ्वीं नि देखणा छन,
मन मा मनख्वात निछ,
बणौटि बण्यां मन....
यनु किलै ह्वै होलु,
ऊ जमानु याद औणु छ,
मनख्वात उबरि भारी थै,
यनु बतौणु छ.....
सच मा सोचा दौं चुचौं,
मनखि माटु छ,
जिंदगी हमारी या,
ऊकाळि कू बाटु छ....
लग्द बग्द सब्बि लग्यां,
भै बंधी तैं निभावा,
भला बुरा बग्त मा,
एक हैक्का काम आवा....
एक दिन चलि जाण,
सब कुछ सच निछ,
यीं जिदगी मा भलु करा,
जिंदगी कू सच छ....
-जगमोहन सिंह जयाड़ा "जिज्ञासु"
कविमन का ऊमाळ मन कलम सी
सर्वाधिकार सुरक्षित, 5.2.2015
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