ह़वैगि आज हमारु,
प्यारु उत्तराखण्ड,
कैकि लगि नजर,
यनु भि लग्दु जन,
देव्तौं का धाम मा,
रुठिग्यन देव्ता,
तब्बित हवै तबाही,
धौळयौं का धोरा....
मनख्यौं कू भी,
भारी कसूर छ,
किलै बसणा छन,
धौळयौं का धोरा,
अतीत सी धौळि,
विकराळ रुप,
धारण करदि छन...
धौळयौं मा प्रदूषण,
वैका कारण भी,
गुस्सा ऐ होलु,
देवभूमि की धौळयौं तैं,
देव्ता भी रुठयन,
जौंका धाम मा,
मनखि तीर्थ यात्री,
न हवैक,
सैल्वानि बणिक,
जाण लग्यां छन्,
पाड़ घचोरिक, फोड़िक,
खमडैयां छन,
अनियोजित विकास,
प्रकृति का दगड़ा,
इंसान की क्रूरता,
जौंका कारण आज,
”खण्ड भण्ड” हवैगि,
हमारु उत्तराखण्ड...
-जगमोहन सिंह जयाड़ा “जिज्ञासु”
ग्राम: बागी-नौसा, पटटी-चन्द्रबदनी,
टिहरी गढवाल,
सम्पर्क: 09654972366
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