सुपिना सदानि
द्येख्यां चैन्दा,
लग्युं चैन्दु
जिन्दगी का,
हर पल अपणा छन,
सुपिना साकार
ह्वोन्दा,
भारी खुश ह्वोन्दु
मन.....
सुपिना द्येखि साकार
करा,
जिन्दगी मा आस भरा,
अपणि मंजिल तै करा,
दुन्यां सी कतै न
डरा......
मुसीबत लाख आलि,
बिघ्न बाधा भौत
सतालि,
आस कू ल्येणु सारु,
तब सुपिना साकार
ह्वोला,
जू कर्दा जिन्दगी मा
आस,
कब्बि नि ह्वोन्दा
निरास.....
सुपिना द्येखि
जिन्दगी चल्दि,
पूरी ह्वोन्दि मन की
आस,
जीत वे मनखि तैं
मिल्दि,
जैका मन मा ह्वोन्दि
आस....
कबरि हमारी जिन्दगी
मा,
बग्त यनु भी ऐ
जान्दु,
अंध्यारु रुपी छयुं अंधेरु,
ऊजाळु करि दूर ह्वे
जान्दु.....
जिन्दगी दिन रात कटणि,
सेळु सी सदानि बटणि,
जू जीत पौन्दु
जिन्दगी मा,
सुपिना वेन द्येखि
ह्वोला......
-जगमोहन सिंह जयाड़ा “जिज्ञासू”
दिनांक 12/7/2017
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