परिचय
- बी मोहन नेगी (बृजमोहन सिंह नेगी)
- जन्म स्थान : चुक्खुवाला, देहरादून
- जन्म : 26 अगस्त 1952
- मूल निवासी : पुंडोरी गांव, मनियारस्यूं पट्टी, पौड़ी गढ़वाल
- पिता : भवानी सिंह नेगी
- माता : जमना देवी
- पत्नी : कल्पेश्वरी देवी
- पुत्र : आशीष, अजय मोहन(विवाहित)
- पुत्री : शिवानी, हिमानी(विवाहित)
- जीवनकाल: 26 अगस्त 1952 बिटि 25 अक्तूबर, 2017
महान कवि अर चित्रकार बृजमोहन नेगी जी अब हमारा बीच निछन। भैजिन देरादूण मा 25/10/17 की रात कु अंतिम सांस लिनि अर अनंत लोक की यात्रा फर चलिग्यन। म्येरु कविमन भौत ऊदास छ। भैजि सी म्येरी पैलि मुलकात पौड़ी मा 27 नवम्बर, 2016 कु ह्वे थै। समय समय फर मैं भैजि सी फोन सी संपर्क करदु थौ। छोट्टा भुला की तरौं मैकु भौत प्यार करदा था। भैजिन म्येरी कविता तीन पराणि अर ढुंगा हि बण्यां रौला कु कविता पोस्टर बणैक म्येरु उत्साह बढ़ाई। भगवान बद्रिविशाल जी सी कामना करदु, भैजि की पुण्य आत्मा तैं शांति अर सद्गति द्यौन।
यम ने सोचा होगा.......
यम नगरी में मेरी,
एक कला दीर्घा बनाओ,
धर्ति पर हैं बृजमोहन नेगी,
दूतों उन्हें तुम लाओ.....
आर्थिक संसाधन के अभाव में,
धर्ति पर चित्रकार,
नहीं कर पा रहे हैं,
खुलकर कला श्रृंगार.....
विडंबना देखिए,
सरकार ने नहीं किया सहयोग,
पौड़ी में बना देते कला दीर्घा,
देखते पहाड़ की कला को लोग.....
धर्ति पर कदर नहीं करते,
साहित्य कला का सम्मान,
हुनरवान रह जाते हैं,
चाटुकार पाते हैं मान.....
कह रहा होगा यम,
चित्रकार जी, खूब करो चित्रकारी,
दिखा दो हुनकर कला का,
ये इच्छा है हमारी.....
अब न मिलेगें धर्ति पर,
हमारे प्रिय चित्रकार,
कवियों की कविताओं का,
करते चित्रकारी से श्रृंगार.......
-जगमोहन सिंह जयाड़ा ‘जिज्ञासू’
27/10/2017
ग्राम- बागी नौसा, चंद्रवदनी,
टिहरी गढ़वाळ।
दूरभाष: 9654972366
यमन स्वोचि ह्वोलु....
यमनगरी मा म्येरी,
एक कला दीर्घा बणावा,
धर्ति मा छन बृजमोहन नेगी,
ऊं तैं झटपट ल्हावा.....
दमड़ि का बिना,
धर्ति मा चित्रकार,
करि नि सकणा था,
खुलिक कला श्रृंगार.....
कनु दुर्भाग्य छ,
सरकार नि करी सहयोग,
पौड़ी मा बणै देन्दा कला दीर्घा,
देख्दा सब्बि ल्वोग.....
धर्ति मा कदर निछ,
साहित्य कला कु सम्मान,
हुनरवान रै जांदन,
चाटुकार पौंदा मान.....
यम ह्वोलु ब्वोन्नु,
नेगी जी, खूब करा चित्रकारी,
दिखै द्येवा हुनर कला कु,
या इच्छा छ हमारी....
अब नि दिखेण धर्ति मा,
स्वर्गवासी नेगी जी चित्रकार,
कवियों की कविता कु,
करदा चित्रकारी सी श्रृंगार.....
शत् शत् नमन अर श्रद्धाजंलि,
आपतैं मान्यवर नेगी जी,
आपका स्वर्गवासी ह्वोण फर,
कविमन दु:खी ह्वेगि जी.....
-जगमोहन सिंह जयाड़ा ‘जिज्ञासू’
27/10/2017
ग्राम- बागी नौसा, चंद्रवदनी,
टिहरी गढ़वाळ।
दूरभाष: 9654972366
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