टिहरी गढ़वाल मा,
चन्द्रबदनी मंदिर का धोरा,
त्यूंसा, ज्वान्या, कटारचोट की,
तड़तड़ी ऊकाळ जनि,
अपणि जिंदगी मा मैं,
वीं भग्यान की कृपा सी,
सदानि चुल्घच्चोर्य़ा बणयुं रयौं,
सच बोलों सुखि रयौं,
याद रख्यन आप भी,
सुखि जिंदगी का खातिर,
यू एक राम बाण छ,
जीवन साथी की कैद सी,
तुम्न कख जाण छ,
प्रयोग जरूर कर्यन,
हम त सुखी छाँ,
"वीं भग्यान की कृपा सी"......
-जगमोहन सिंह जयाड़ा "जिज्ञासु"
रचना सर्वाधिकार सुरक्षित व प्रकाशित
30-.3.13
www.jagmohansinghjayarajigyansu.blogspot.com
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