खटमलुन खयौं मैं,
ऊपाणौन तड़कयौं,
दगड़यौन भतगयौं
अर हौड़ हौड़ फरकयौं,
कनु जमानू थयौं ऊ,
आज भूली गयौं.....
पक्याँ आम खूब खैन,
गोरू चरौंण गयौं,
सारी फुंड फाळ मारी,
बिट्टा ऊद फर्केयौं,
कनु जमानू थयौं ऊ,
आज भूली गयौं......
उकाळी भि हिटयौं,
अर उद्यारी भि गयौं,
बोझ भारू बोकि खूब,
खेल कौथिग गयौं,
कनु जमानू थयौं ऊ,
आज भूली गयौं......
एक दिन यनु आई,
गढ़वाळ की गाड़ी मा बैठि,
वे प्यारा पहाड़ छोड़ी,
हिंदुस्तान का दिल मा अयौं,
आज मैकु याद औन्दि,
कनु जमानू थयौं ऊ,
आज भूली गयौं......
-जगमोहन सिंह जयाड़ा "जिज्ञासु"
सर्वाधिकार सुरक्षित एवं प्रकाशित
29.3.13
ऊपाणौन तड़कयौं,
दगड़यौन भतगयौं
अर हौड़ हौड़ फरकयौं,
कनु जमानू थयौं ऊ,
आज भूली गयौं.....
पक्याँ आम खूब खैन,
गोरू चरौंण गयौं,
सारी फुंड फाळ मारी,
बिट्टा ऊद फर्केयौं,
कनु जमानू थयौं ऊ,
आज भूली गयौं......
उकाळी भि हिटयौं,
अर उद्यारी भि गयौं,
बोझ भारू बोकि खूब,
खेल कौथिग गयौं,
कनु जमानू थयौं ऊ,
आज भूली गयौं......
एक दिन यनु आई,
गढ़वाळ की गाड़ी मा बैठि,
वे प्यारा पहाड़ छोड़ी,
हिंदुस्तान का दिल मा अयौं,
आज मैकु याद औन्दि,
कनु जमानू थयौं ऊ,
आज भूली गयौं......
-जगमोहन सिंह जयाड़ा "जिज्ञासु"
सर्वाधिकार सुरक्षित एवं प्रकाशित
29.3.13
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