हमारा उत्तराखंड मा,
दारू ठेका का आवेदक,
मर्दु सी ज्यादा जनानी छन,
कनु बांजा पड़ि जमानु,
जबकि मद्यनिषेद आन्दोलन,
कबरि पहाड़ की महिलाओं की,
एक महान उपलब्धि थै....
कखि प्रधान पति की तरौं,
नाम की प्रधानी,
या एक चाल त निछ,
नाम की ठेक्केदानी,
काम पति परमेश्वर जी कू,
वन भी उत्तराखंड मा अब,
दारू की गंगा भी बग्दि छ,
दारू की तीस लग्दि छ,
जब सूर्य होन्दु अस्त,
मेरा मुल्क का मनखि मस्त...
चला क्वी बात निछ,
ठेक्कौं सी पैंसा आलु,
नेता,अफसर,ठेक्केदारू कू,
कैकु त विकास होलु,
हे उत्तराखंड की जनता,
तू निचंत करिक सेयीं छैं,
घर गौं बंजेणा छन,
तेरु उत्तराखंड ऊताणदंड,
"खबरदार! खबर छ"...
-जगमोहन सिंह जयाड़ा "जिज्ञासु"
सर्वाधिकार सुरक्षित एवं प्रकाशित,
दूरवार्ता यन्त्र संख्या: 09654972366
29.3.13
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