तेरी आस मा तेरु,
गौ छ टपराणु,
बिन बौल्यां मन सी,
त्वैकु छ भटयाणु,
कनु निर्दयी छैं तू,
अपणा गौं नि जाणु,
देख तेरु गौं त्वैकु,
कनु छ भटयाणु,
अब त चलि जा तू,
अपणा प्यारा गौं,
त्वैकु तैं लठयाळा,
सुण हे मेरा सौं.....
31.5.13
गौ छ टपराणु,
बिन बौल्यां मन सी,
त्वैकु छ भटयाणु,
कनु निर्दयी छैं तू,
अपणा गौं नि जाणु,
देख तेरु गौं त्वैकु,
कनु छ भटयाणु,
अब त चलि जा तू,
अपणा प्यारा गौं,
त्वैकु तैं लठयाळा,
सुण हे मेरा सौं.....
-जगमोहन सिंह जयाड़ा
जिज्ञासु,
सर्वाधिकार सुरक्षित एवं
प्रकाशित31.5.13
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