मैंन क्या बोलि थैा त्वैकु,
सुण हे ब्याळि,
नि लगौणु दिल मैंमा,
सुण हे लठ्याळि,.......
रंग रुप कै फर सदानि नि रंदु,
एक दिन मनखि माटु हवै जांदु,
माया कू मुंडारु द्वी चार दिन कू,
सोचि समझिक माया लगौणि,
या दुनियां छ रीता भांडा जनि,
बिंगलि हे तू यनु छ बतौणि......
दुनिया तू देख लठयाळि,
यीं तैं देखि देखि ज्यू नि भरेन्दु,
माया कू मुंडारु बुरु,
यांका बिना नि रयेन्दु......
29.5.13
सुण हे ब्याळि,
नि लगौणु दिल मैंमा,
सुण हे लठ्याळि,.......
रंग रुप कै फर सदानि नि रंदु,
एक दिन मनखि माटु हवै जांदु,
माया कू मुंडारु द्वी चार दिन कू,
सोचि समझिक माया लगौणि,
या दुनियां छ रीता भांडा जनि,
बिंगलि हे तू यनु छ बतौणि......
दुनिया तू देख लठयाळि,
यीं तैं देखि देखि ज्यू नि भरेन्दु,
माया कू मुंडारु बुरु,
यांका बिना नि रयेन्दु......
-जगमोहन सिंह जयाड़ा जिज्ञासु,
सर्वाधिकार सुरक्षित एवं
प्रकाशित29.5.13
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