कनु नहेंणु छै,
उत्तराखण्ड की धौळि मा,
खुश हवैक मन सी,
माछु सी तबलाणु छैं.........
तुमारा भाग छन हे,
उत्तराखण्ड की धौळि......
तड़फदु छ ज्यू पराण,
याद औन्दि उत्तराखण्डी धौळि.....
सोचि नि थौ रौला वख,
जख जिन्दगी होयिं छ फन्दा...
-जगमोहन सिंह जयाड़ा जिज्ञासु,
सर्वाधिकार सुरक्षित एवं प्रकाशित
3.6.13
उत्तराखण्ड की धौळि मा,
खुश हवैक मन सी,
माछु सी तबलाणु छैं.........
यख त बुरी बितण लगिं,
तीसन उबाणि गौळि,तुमारा भाग छन हे,
उत्तराखण्ड की धौळि......
भक्कु जब भारी लग्दु,
मन मा औन्दि छन उदौळि,तड़फदु छ ज्यू पराण,
याद औन्दि उत्तराखण्डी धौळि.....
मांगी थैा मुल्क प्यारु,
जख भागीरथी अलकनन्दा,सोचि नि थौ रौला वख,
जख जिन्दगी होयिं छ फन्दा...
-जगमोहन सिंह जयाड़ा जिज्ञासु,
सर्वाधिकार सुरक्षित एवं प्रकाशित
3.6.13
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