उत्तराखण्ड मा छन,
सोळा हजार सात सौ,
तिराणनब्बि गौं,
ढ़ै लाख सी ज्यादा कूड़ौं फर,
लगिग्यन बल ताळा,
घर का गोसी अब,
निछन लौटण वाळा......
तीन हजार सी ज्यादा गौं,
ह्वेग्यन बल खाली,
अब ऊं गौं मा क्या,
रौनक बौड़िक आलि.....
सवाल छ,
उत्तराखण किलै बणाई?
पलायन की दिन दिन,
पण्नि छ मार,
पाड़ का बिकास का खातिर,
क्या होलि कन्नि,
हमारी बणैयीं सरकार.....
चिंतन की बात छ,
पाड़ का बिकास का खातिर,
कैन कन्न पैल,
पाड़ होयुं छ घैल,
अपणु राज्य बणैक,
जंतान क्या पाई,
पाड़ी राज्य बण्न सी,
खुशहाली किलै नि आई.........
1/8/2017
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