पर ढुंगा नि,
कूड़ा अर पठाळ बणिक,
घाम बरखा सी बचौन्दा,
किलै मनख्यौं तुम हमतैं,
तौ भि ढुंगा बतौन्दा....
कूड़ा अर पठाळ बणिक,
घाम बरखा सी बचौन्दा,
किलै मनख्यौं तुम हमतैं,
तौ भि ढुंगा बतौन्दा....
-कवि जिज्ञासु की कलम सी
मेरी प्रकाशित रचना कू एक अंश
15.7.2014
मेरी प्रकाशित रचना कू एक अंश
15.7.2014
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