कलम सी अपणि,
मयाळु मन मा,
तुमारा लगौन्दु छौं,
बुरु नि माण्यां भै बंधु,
पहाड़ प्रेम जगौन्दु छौं,
नखरि भलि प्यारा पहाड़ की,
याद दिलौंदु छौं.....
मयाळु मन मा,
तुमारा लगौन्दु छौं,
बुरु नि माण्यां भै बंधु,
पहाड़ प्रेम जगौन्दु छौं,
नखरि भलि प्यारा पहाड़ की,
याद दिलौंदु छौं.....
-कवि जिज्ञासु की कलम सी
मेरी प्रकाशित रचना कू एक अंश
15.7.2014
मेरी प्रकाशित रचना कू एक अंश
15.7.2014
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