डांड्यौं मा,
बणांग लगौणु छ,
तुम भी हैंसा मेरी तरौं,
बात बतौणु छ.....
बुरांस की बात बिंगि,
मन खुश होणु छ,
सच छ जिंदगी कू यू,
ऊलार औणु छ.....
किलै औन्दु होलु बुरांस,
हमारा मुल्क मा,
कुतग्याळि सी लगै जान्दु,
हमारा मन मा......
आलु मौळ्यार जाला भग्यान,
प्यारा पहाड़ मा,
हेरला अपणि आंख्यौंन,
बुरांस खिल्युं छ......
पाख्यौं मा हैंस्दि फ्यौंलि भी,
मैत अयिं छ,
तै बौळ्या बुरांस हेरिक,
रंगमत होयिं छ.....
फूल्युं फूल बुरांस कू,
पहाड़ की पछाण छ,
ज्यु मा यनु औणु छ,
बुरांस हेरण जाण छ.....
जुगराजि रै बुरांस तू,
हमारा मुल्क औन्दु रै,
खित्त हैंसि हैंसिक,
कुतग्याळि लगौन्दु रै....
डांडयौं मा खिल्युं बुरांस,
बणांग लगौणु छ,
खुश हि रणु जिंदगी मा,
यनु बतौणु छ.......
-जगमोहन सिंह जयाड़ा "जिज्ञासु"
30.1.2015, दोपहर 1 बजे
सर्वाधिकार सुरक्षित
बणांग लगौणु छ,
तुम भी हैंसा मेरी तरौं,
बात बतौणु छ.....
बुरांस की बात बिंगि,
मन खुश होणु छ,
सच छ जिंदगी कू यू,
ऊलार औणु छ.....
किलै औन्दु होलु बुरांस,
हमारा मुल्क मा,
कुतग्याळि सी लगै जान्दु,
हमारा मन मा......
आलु मौळ्यार जाला भग्यान,
प्यारा पहाड़ मा,
हेरला अपणि आंख्यौंन,
बुरांस खिल्युं छ......
पाख्यौं मा हैंस्दि फ्यौंलि भी,
मैत अयिं छ,
तै बौळ्या बुरांस हेरिक,
रंगमत होयिं छ.....
फूल्युं फूल बुरांस कू,
पहाड़ की पछाण छ,
ज्यु मा यनु औणु छ,
बुरांस हेरण जाण छ.....
जुगराजि रै बुरांस तू,
हमारा मुल्क औन्दु रै,
खित्त हैंसि हैंसिक,
कुतग्याळि लगौन्दु रै....
डांडयौं मा खिल्युं बुरांस,
बणांग लगौणु छ,
खुश हि रणु जिंदगी मा,
यनु बतौणु छ.......
-जगमोहन सिंह जयाड़ा "जिज्ञासु"
30.1.2015, दोपहर 1 बजे
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