कवितौं कू कौंताळ मचैयुं,
किलैकि आज बल,
कवितौं कू दिवस छ,
कवि 'जिज्ञासू' अजाण बण्युं,
जंजाळ की यीं दुन्यां मा,
काम काज मा विवश छ....
कवि शैलेन्द्र जोशी जिन,
पहाड़ बिटि बताई,
कविता दिवस छ आज,
तब मैकु ख्याल आई....
बधै हो कवि दगड़्यौं,
कल्पना मा कलम घुमावा,
कविता दिवस छ आज,
मन का भाव बतावा....
कल्पना मा डूबिक हम,
कवितौं कू जल्म करौंदा,
लग्यां रवा सृजन फर,
बित्यां दिन बौड़िक नि औन्दा....
-जगमोहन सिंह जयाड़ा जिज्ञासू,
मेरा कविमन कू कबलाट
दिनांक 21.3.2016
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