भला
कर्म करि हम्तैं,
कै
जल्म का बाद,
मनखि
की जोन मिलि,
पर हम
चितौणा निछौं,
पड़
पड़ा नौटु का खातिर,
भलु
बुरु करिक आज,
खाणा
कमौणा छौं.....
छोड़
कूड़ी त्यागि,
निपल्टा
ह्वैक,
जबरि
बिटि यू रुप्या,
हमारा
किस्सौं फर आई,
हम्न
पराई नौकरी फर,
मन
खूब लगाई......
बिसरिग्यौं
हम पैलि,
मनख्वात
करदा था,
परमेशुर
सी सदानि,
भौत
डरदा था,
अब त मनखि,
मनखि
तैं डरौणु छ,
मनखि
धोरा न औ,
मुक्क
फरकौणु छ........
रुप्या
हात कू मैल छ,
सब्बि
बोल्दन,
पर
मनखि बिना पैसा कू,
यीं
धरती मा लाचार,
जैका
पास छ छक्किक,
मनखि
करदा वे सी,
कुजाणि
किलै प्यार?
7/10/206
No comments:
Post a Comment