ढुंगा ब्वल्दन गीत लगावा,
हम भि सुण्दा गीत छौं,
सच नि स्वोच्दा छैं तुम,
हम भि एक संगीत छौं।
घण की चोट मारा हम फर,
देखा हम भि गान्दा छौं,
गूंजदि छ आवाज
हमारी,
घाटी मा छै
जान्दा छौं।
आपसी छ रिस्ता
हमारु,
तुम कतै नि
बिंगणा छन,
जौं भितरु फर तुम
रन्दा,
हम सी हि बण्दा
छन।
संगीत सभा सज्दि छ,
जब तुमारा प्यारा
घर मा,
सुण्दा छौं संगीत
हम भी,
ऐ जान्दा छौं लहर
मा।
बाटा फुंड हिटदा जब
तुम,
हमारी पीठ मा हिटदा
छैं,
द्येख्दा छैं रौंत्याळा
डांडा,
मस्त ह्वेक रिटदा
छैं।
मनखि ढुंगा ह्वे जान्दा,
हम सी तुलना करदा छन,
हम छौं गुणवान भारी,
सुणिक दु:खी होंदु मन।
निरलोभी छ सुभौ हमारु,
मनखि त लोभी होन्दु
छ,
मायाजाळ मा भटगिक,
दिन रात दु:खी होंदु छ।
मनख्यौं सी हम भला
छौं,
हम्तैं मनखि पूज्दा
छन,
मन्दिर मा मूर्ति
द्येखिक,
सुख की कामना करदा
छन।
-जगमोहन सिंह जयाड़ा जिज्ञासू
दिनांक 23/11।2017
nice
ReplyDeletehow to get my love back