कलम से मन की बात,
मन में तोल कर,
दे जाता है संदेश,
कलम से बोल कर,
विषय जो भी हो,
जन्म-भूमि से लेकर,
कर्म-भूमि और,
प्रकृति में मौजूद,
हर विषय वस्तु पर,
उभरता है जैसा भाव,
कवि हृदय में,
कल्पना के रूप में,
व्यक्त हो जाता है,
कलम से लिखकर,
मन को छू जाता है,
कहा हुआ कवि का,
कविता के रूप में.......
-जगमोहन सिंह जयाड़ा "जिज्ञासु"
सर्वाधिकार सुरक्षित एवं प्रकाशित
5.2.2013
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