बग्त की बात न पूछा,
होन्दु छ बलवान,
बग्त कब्बि यनु ऐ जान्दु,
गधा ह्वै जान्दु पैलवान.....
बग्त फर क्वी काम नि औन्दु,
यनि होन्दि छ बग्त की मार,
बग्त की मार सी मरदि दुनियां,
तौ भि चन्दु छ संसार......
बोल्दन बग्त कू दगड़ु करा,
रुक्दि ने जैकी चाल,
जू मनखि नि करदु छ,
भला नि होन्दा तैका हाल.....
बग्त सी खाणु, पेणु, सेणु,
बग्त सी अपणा काम करा,
भला बग्त कू राज यू हिछ,
जिंदगी मा रंग भरा.....
बग्त हमारु आज लठ्याळौं,
एक दिन यनु आलु,
ह्वैगि बग्त तुमारु पूरु,
बग्त हम्तैं यनु चेतालु.......
-कवि जगमोहन सिंह जयाड़ा जिज्ञासु
दिनांक: 31.3.2015
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