किल्कणि बिल्कणि बोडि बोडा फर,
लाठन छ धध्यौणि,
बोन्न लगि छ त्वै बुढया कू,
मौत भि हर्चि,
कुजाणि क्यौकु नि औणि.....
लग्द बग्द करि भागणु बोडा,
बोन्न लग्युं छ बचावा,
यीं बुढ़ड़ि कू मुर्दा मरिगि,
हे चुचौं झट पट आवा.....
ढुंगू उठाई निर्भागि बोडिन,
बोडा की लोळ फोड़्यालि,
फेरौं का बग्त दिन्युं बचन,
बोडिन आज तोड़्याळलि;....
भ्वीं मा लठगि बोडा धड़म्म,
मुण्ड फर ल्वै कू धारु,
कळजुगि बुढड़ि मरि जै तू,
अब क्या रिस्ता हमारु.....
दणमण आंसू ऐन बोडि का,
सोचणि कपाळ फूटिगि,
मति मरिगि आज मेरी,
ज्वानि मेरी टूटिगि......
बोडिन बोडा ऊब ऊठाई,
प्यार सी मुण्डळि फलोसी,
माफ करि देवा मैकु तुम,
बोडि तैं औणि बेहोशी....
बोडा बोन्नु निर्भागि बुढ़ड़ि,
अब नि देखण तेरी मुखड़ि,
कनु अनर्थ करयालि त्वैन,
कनि छ तेरी ज्युकड़ि......
निर्भागि मोळु देखण लग्युं,
बोडा बोडि कू तमाशु,
न्यौड़ु आई झट पट ऊ,
खांसण लग्युं छ खांसू........
-जगमोहन सिंह जयाड़ा जिज्ञासु
दिनांक: 18.5.2015
लाठन छ धध्यौणि,
बोन्न लगि छ त्वै बुढया कू,
मौत भि हर्चि,
कुजाणि क्यौकु नि औणि.....
लग्द बग्द करि भागणु बोडा,
बोन्न लग्युं छ बचावा,
यीं बुढ़ड़ि कू मुर्दा मरिगि,
हे चुचौं झट पट आवा.....
ढुंगू उठाई निर्भागि बोडिन,
बोडा की लोळ फोड़्यालि,
फेरौं का बग्त दिन्युं बचन,
बोडिन आज तोड़्याळलि;....
भ्वीं मा लठगि बोडा धड़म्म,
मुण्ड फर ल्वै कू धारु,
कळजुगि बुढड़ि मरि जै तू,
अब क्या रिस्ता हमारु.....
दणमण आंसू ऐन बोडि का,
सोचणि कपाळ फूटिगि,
मति मरिगि आज मेरी,
ज्वानि मेरी टूटिगि......
बोडिन बोडा ऊब ऊठाई,
प्यार सी मुण्डळि फलोसी,
माफ करि देवा मैकु तुम,
बोडि तैं औणि बेहोशी....
बोडा बोन्नु निर्भागि बुढ़ड़ि,
अब नि देखण तेरी मुखड़ि,
कनु अनर्थ करयालि त्वैन,
कनि छ तेरी ज्युकड़ि......
निर्भागि मोळु देखण लग्युं,
बोडा बोडि कू तमाशु,
न्यौड़ु आई झट पट ऊ,
खांसण लग्युं छ खांसू........
-जगमोहन सिंह जयाड़ा जिज्ञासु
दिनांक: 18.5.2015
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