ऐंसु की बग्वाळ भुलौं,
बौड़िक औणि छ,
ह्युंद भी ऐगि,
भारी खुशी होणि छ,
बग्वाळ शुभ हो तुमारी,...
मेरा मन की आस छ,
रंगीला त्यौहार,
औन्दा अर जांदा,
पौंन्दा होला खुशी तुम,
मेरु यनु बिस्वास छ......
बौड़िक औणि छ,
ह्युंद भी ऐगि,
भारी खुशी होणि छ,
बग्वाळ शुभ हो तुमारी,...
मेरा मन की आस छ,
रंगीला त्यौहार,
औन्दा अर जांदा,
पौंन्दा होला खुशी तुम,
मेरु यनु बिस्वास छ......
-कवि "जिज्ञासु" का मन का ऊमाळ
20.10.2014, सर्वाधिकार सुरक्षित
20.10.2014, सर्वाधिकार सुरक्षित
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