समधणि का खोज थौ जयुं,
भेळ पड़िगि,
हे दिदौं, हे भुलौं, सोचा दौं,
भरीं ज्वानि मा, स्यू बिचारु,
ज्यूंदा ज्यु क्या करिगि.....
...
भेळ पड़िगि,
हे दिदौं, हे भुलौं, सोचा दौं,
भरीं ज्वानि मा, स्यू बिचारु,
ज्यूंदा ज्यु क्या करिगि.....
...
-जगमोहन सिंह जयाड़ा "जिज्ञासु"
हे कविमन कू कबलाट, 2.9.14
हे कविमन कू कबलाट, 2.9.14
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