नंदा सैसर छ जाणी......
मैतुड़ा छोड़िक नंदा,
सैसर छ जाणी,
रोणा छन मैति सब्बि,...
आंख्यौं मा छ पाणी.....
मैतुड़ा छोड़िक नंदा,
सैसर छ जाणी,
रोणा छन मैति सब्बि,...
आंख्यौं मा छ पाणी.....
ऊदास छ होयिं नंदा,
ठंडु मठु जाण्ाी,
मैति मन मा सोचणा,
भांगल्या जवैं यींकू,
कनि होलि खाणी बाणी......
खुदेलि लाडी हमारी,
तैं ऊंचा कैलाश,
होणी खाणी हो लाडी की,
सब्यौं किछ आस.....
-जगमोहन सिंह जयाड़ा जिज्ञासु
की कलम से मन की बात...21.8.14
ठंडु मठु जाण्ाी,
मैति मन मा सोचणा,
भांगल्या जवैं यींकू,
कनि होलि खाणी बाणी......
खुदेलि लाडी हमारी,
तैं ऊंचा कैलाश,
होणी खाणी हो लाडी की,
सब्यौं किछ आस.....
-जगमोहन सिंह जयाड़ा जिज्ञासु
की कलम से मन की बात...21.8.14
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