“सदा सुहागन-देहरादून “
नेता अफसरु की प्यारी,
प्रिय नगरी देहरादून,
पहाड़ पलायन की पिड़ान,
होण लग्युं छ सून.
प्रिय नगरी देहरादून,
पहाड़ पलायन की पिड़ान,
होण लग्युं छ सून.
चाणा छन सदा “सुहागन”,
राजधानी देरादोण,
कर्ता यी छन धर्ता यी छन,
गैरसैण कनु होण.
राजधानी देरादोण,
कर्ता यी छन धर्ता यी छन,
गैरसैण कनु होण.
राज्य निर्माता आज अथक छन,
मन मा होयुं घंगतोळ,
मंत्री अफसर फेन्न लग्यां छन,
उम्मीदु फर जोळ.
मन मा होयुं घंगतोळ,
मंत्री अफसर फेन्न लग्यां छन,
उम्मीदु फर जोळ.
कलयुग की या रीत छ,
काका खांदा मोती,
करदा छन अपणा मन की,
ज्व इच्छा इनकी होती.
काका खांदा मोती,
करदा छन अपणा मन की,
ज्व इच्छा इनकी होती.
रचनाकार:
जगमोहन सिंह जयाड़ा, जिग्यांसु
२१.१२.२००८
जगमोहन सिंह जयाड़ा, जिग्यांसु
२१.१२.२००८
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