“अतीत और आज “
अतीत में,
ऐसा था मेरा गाँव,
जहाँ सड़क नहीं,
स्वास्थ्य सुविधा नहीं,
बिजली नहीं,
स्कूल नहीं,
कोई विकास नहीं,
रोजगार नहीं.
ऐसा था मेरा गाँव,
जहाँ सड़क नहीं,
स्वास्थ्य सुविधा नहीं,
बिजली नहीं,
स्कूल नहीं,
कोई विकास नहीं,
रोजगार नहीं.
लेकिन आज,
मेरे गाँव में,
बिजली, पानी,
सड़क, संचार, स्कूल,
रोजगार गारंटी योजना,
सब कुछ है,
लेकिन इनके आने तक,
अधिकतर शिक्षित ग्रामवासी,
पलायन कर चुके,
बेहतर भविष्य की तलाश में,
महानगरों को ओर,
सदा के लिए.
मेरे गाँव में,
बिजली, पानी,
सड़क, संचार, स्कूल,
रोजगार गारंटी योजना,
सब कुछ है,
लेकिन इनके आने तक,
अधिकतर शिक्षित ग्रामवासी,
पलायन कर चुके,
बेहतर भविष्य की तलाश में,
महानगरों को ओर,
सदा के लिए.
रचनाकार:
जगमोहन सिंह जयाड़ा, जिग्यांसु
6.1.2009
जगमोहन सिंह जयाड़ा, जिग्यांसु
6.1.2009
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