लिख्दु जांदु छौं......
उत्तराखण्ड की धरती प्यारी,
तेरा गीत गांदु छौं,
तेरी कृपा सी जल्म भूमि,
मैं होंदु खांदु छौं.......
जाणा था सब्बि मनखि,
ऊंकी तरौं मैं भी अयौं,
होणि खाणी का खातिर,
जतन करदु रयौं.......
दर्द भौत सैन मैंन,
परदेश की बात थै,
ऊजाळा की आस मा,
भारी अंधेरी रात थै.......
गीत गावा मुल्क का,
भारी भलि बात छ,
अपणि भाषा कू सम्मान,
हे हमारा हात छ......
जल्म भूमि प्यार मा,
भाषा पिरेमि भिछौं,
लिख्दु जांदु मन की बात,
पहाड़ त्वैसि दूर निछौं......
-जगमोहन सिंह जयाड़ा 'जिज्ञासु',
दर्द भरी दिल्ली बिटि कविमन कू कबलाट
दिनांक 10.2.2016
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