Tuesday, August 14, 2018

"उत्तराखंड"



पवित्र देवभूमि पौराणिक है,
नाम है उत्तराखंड,
"उत्तरापथ" और "केदारखण्ड"
मिलकर बना उत्तराखंड.

शिवजी का निवास यहाँ,
बदरी विशाल का धाम,
पंच बदरी-केदार और प्रयाग,
प्रसिद्ध है नाम.

गंगा, यमुना का उदगम् यहाँ,
ऊंची-ऊंची बर्फीली चोटी,
चौखम्बा, पंचाचूली, त्रिशूली,
प्रसिद्ध है नंदा घूंटी.

गले मैं नदियों की माला,
सिर पर हिमालय का ताज,
बदन में वनों के वस्त्र,
उत्तराखंड पर हम को नाज. 

मनमोहक हैं फूलों की घाटी,
विस्तृत हैं बुग्याल,
मन को मोह लेते हैं,
जल से भरे ताल.

नदी घाटियाँ खूबसूरत है,
देवताओं का वास,
तभी तो "मेघदूत" लिख गए,
महाकवि "कालिदास".

वीर-भडों की भूमि है,
किया जिन्होंने बलिदान,
उनको कितना प्रेम था,
किया मान सम्मान.

उत्तराखंड का प्रवेश द्वार, 
पवित्र है हरिद्वार,
पुणय पावन नगरी,
जहाँ होती जय-जयकार.

कितनी सुन्दर देव-भूमि, 
देखूं उड़कर आकाश से,
नदी पर्वतों को निहारूं,
जाकर बिल्कुल पास से. 

जन्मभूमि है हमारी,
हैं हमारे कैसे भाग,
कहती है उत्तराखंडियों को,
शैल पुत्रों जाग.


जगमोहन सिंह जयाड़ा जिज्ञासू
ग्राम: बागी नौसा, पट्टी. चन्द्रबदनी,
टेहरी गढ़वाल-२४९१२२ 
२३.७.२००८ को रचित 
दूरभाष: 9654972366

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