Thursday, November 12, 2020

हमारु उत्तराखण्ड


बीस बरस कु ज्वान ह्वेगि,

ब्वला त सयाणु ह्वेगि,

बिकास भि होण लग्युं,

पैलु जनु अब नि रैगि।

 

कर्णप्रयाग तक रेल जाणी,

ऊद बगणु अलकनंदौ पाणी,

आल वैदर रोड भि बण्नि,

यनु ह्वलु कैन नि जाणी।

 

रोजगार की आस जगणि,

पर्यटन बिकास होणु,

जतन कन्ना ज्वान सब्बि,

उत्तराखण्ड खुश होणु।

 

द्यख्दु जावा क्या क्या ह्वलु,

पर्यावरण भि बचौण पड़लु,

पाड़ घच्चोरी हरेक पाड़,

दु:खी ह्वेक ऊद भि रड़लु।

 

भाषा संस्कृति कायम रौ,

उत्तराखण्डै ज्व छ पछाण,

बांज बुरांसा बण प्यारा,

जख बस्दु हमारु पराण।

 

ज्यु पराण सी प्यारु छ,

हमारु रौंत्याळु उत्तराखण्ड,

श्रृंगार करा तन मन सी,

होण न द्यवा ऊत्ताणदंड।

 

जगमोहन सिंह जयाड़ा जिज्ञासू

13/11/2020


नाति....

 


 

क्या दिन क्या रात,

बग्त की छ बात,

नाति बिळम्युं मोबैल फर,

सुण्दु निछ बात।

 

स्मार्ट फोन चलौणु,

गीत कार्टून द्येखि,

भारी खुश होणु,

दादा द्येखि,

मुखड़ि छ लुकौणु ।

 

जबरि छंद औन्दु,

करदु नाति तैं पुळ्याट,

ब्वल्दु ल्हौ चीज मैकु,

मचौन्दु लराट ।

 

आंग्ळि घुमौन्दु फोन फर,

पढ़दु छ किताब,

अंग्रेजी मा पुछ्दु मैकु,

दी नि सक्दु जबाब ।

 

कख गै ऊ जमानु,

सुण्दा था टक्क लगैक,

दादा जी की बात,

कथा सुणि दादा जी सी,

कटदि थै ह्युंदै रात ।

 

नाति भारी प्यारु लग्दु,

क्या बतौण बात,

चक्कड़ीत भारी छ,

कन्दूड़ जान्दा हात ।

 

12/11/2020

मलेेथा की कूल