एक औरत का चिल्लाना,
गधा ध्यान से सुन रहा था,
वो पति को कह रही थी,
कैसे गधे हो तुम?
चाय बेचने वाला,
प्रधानमंत्री बन गया,
बूटी बेचने वाला बाबा,
करोड़पति बन गया,
तुमसे तो वो अच्छे हैं,
कैसे गधे हो तुम?
पति प्यार से मुस्कराया,
मुझे गधा क्यों कह रही हो,
कोई गधा सुन लेगा तो,
उसकी बहन बन रही हो।
गधा संवाद सुनकर, औरत के पास आया,
बोला, बहन आपका पति है इन्सान,
आपके लिए है भगवान,
आप गधा क्यों बोल रही थी?
खड़े हो गए मेरे कान।
औरत गधे पर चिल्लाई,
भाग जा यहां से,
इसी में है तेरी भलाई,
बहन कहते हुए मुझे,
तुझे शरम नहीं आई।
तुझ गधे की बहन,
मैं कैसे हो सकती हूं,
मैं तो प्यार से पति को,
गधा कहती हूं।
जगमोहन सिंह जयाड़ा "जिज्ञासू"
30/01/2019