Friday, May 31, 2013

मैं हिटदु जाणु छौं.......

खांदु छौं पोटगी भरि,
धीत नि भरेणी छ,
द्वी कतर रोठठी का खातिर,
या जिन्‍दगी दुख देणी छ,
अपणा बैरी होयां छन,
कुजाणि किलै,
मेरी होणी खाणी देखि,
मन ही मन फुक्‍यां छन,
मैन भी सोचि,
फुक्‍ये ल्‍या,
तुमारु क्‍या खाणु छौं,
देणा छन देव्‍ता मैकु,
कर्म अपणु निभाणु छौं,
जिन्‍दगी कू बाटु मेरु,
मैं हिटदु जाणु छौं.......

-जगमोहन सिंह जयाड़ा जिज्ञासु,
सर्वाधिकार सुरक्षित एवं प्रकाशित
30.5.13

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