आकर्षक लगते हैं,
पर्यटकों को,
लगने भी चाहिए,
क्योंकि,
खूबसूरत होते हैं।
पहाड़ पर जो,
जिंदगी बिताते हैं,
उनके लिए,
कष्टदायी होता है,
उनका पहाड़।
पुरुष पहाड़ पर,
रह नहीं सकता,
उसे तो जाना है,
पहाड़ से दूर,
कमाने के लिए,
प्रवास में।
महिलाएं करती,
सीढ़ीनुमा खेतों की,
दिन रात सेवा,
पशुओं के लिए,
घास काटना,
चूल्हे के लिए,
लकड़ी लाना,
परिजनों की देखभाल,
जिंदगी उसके लिए,
पहाड़ पर पहाड़ जैसी।
समय बदला,
पर्वतीय महिलाएं,
पति संग परदेस,
सुख की चाह में,
सदा के लिए चली,
पहाड़ से दूर।
तब! पहाड़ पर,
पलायन पसरा,
रह गए पहाड़ पर,
वृद्ध माता पिता,
जिन्हें अथाह प्यार था,
अपने पहाड़ से।
माता पिता ने,
एक दिन पहाड़ को,
अल्विदा कहा,
हो गए स्वर्गवासी,
पुत्रों ने उन्हें,
पित्रकुटी वास कराया,
घर पर ताला लगाया।
दिनांक 12/11/2019
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