Saturday, March 30, 2013

"चले जाने से पहले"


जिंदगी जीने के लिए जिन्दा हैं,
जायेंगे एक दिन आपके कंधों पर,
करण वश जो कंधा न दे सकेंगे,
सुनकर खबर हमारी,
इस धरती से चले जाने की,
कैसा महसूस करेंगे?
जरूर लिखना कलम से अपनी,
जीते जी जान लेते हैं,
जाने के बाद क्या पता लगेगा,
मन की बात बता दो मित्रों,
"चले जाने से पहले"
कवि "जिज्ञासु" की जिज्ञासा है।

-जगमोहन सिंह जयाड़ा  "जिज्ञासु"
सर्वाधिकार सुरक्षित एवं प्रकाशित
30.3.13

 

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