Wednesday, August 20, 2014

हमारी सगोड़ी मा.....


मुंगरी पकीं,
तोमड़ी, गोदड़ि, चचेंडी लगिं,
काखड़यौं की लबद्यारी,
ऐजा खैजा, हे प्‍यारा बेटा,
टक्‍क लगिं छ हमारी......
-तेरा ब्‍वै बाब,
उत्‍तराखंड तेरा गौं बिटि
-कवि जिज्ञासु की कलम सी
10.7.14
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