Wednesday, August 20, 2014

दगड़यान बोलि......


बल भैजि,
कब होलि हमारी मुलाकात,
मैंन बोलि,
जिज्ञासा मेरा मन मा भिछ,
मिल्‍दा उत्‍तराखण्‍ड की एक,
ऊंचि धार ऐंच,
बैठदा बांज बुरांस की डाळी नीस,
पर यथगा आजाद निछौं हम,
झटट पटट ह्रवै जाऊ,
जग्‍वाळ करा,
एक दिन आलु,
मेरा प्‍यारा "आजाद" भैजि,
गौळा लगिक भेंट्यौला,......
-कवि जिज्ञासु की अनुभूति
9.7.14
संपर्क: 9654972366
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