Friday, February 8, 2019

कवि धर्म निभाना है......


अक्सर मुझे,

कवि सम्मेलन में,

बुलाया नहीं जाता,

अगर कहीं बुला लिया,

दूसरे दिन फेसबुक पर,

मेरा फोटो नहीं आता।


पूछती है पत्नी मुझ से,

कवि सम्मेलन में जाने का,

मुझे सबूत दिखालाओ,

कल हुआ जो कवि सम्मेलन,

फेसबुक पर छपी अपनी,

एक भी फोटो दिखलाओ।


श्रोताओं आप मुझ पर,

कृपा इतनी कर देना,

कोई शिकायत नहीं आपसे,

मेरी फोटो ले लेना।

 
हो सके तो फेसबुक पर,

फोटो मेरी डाल देना,

कविमन की व्यथा समझकर,

लाज मेरी बचा लेना।


ध्यान रखना कवि मित्रों,

फेसबुक का जमाना है,

शक तो करेगीं पत्नियां,

कवि धर्म निभाना है......


जगमोहन सिंह जयाड़ा जिज्ञासू,  5/2/2019
हिमवन्त, चन्द्रकुंवर बर्त्वाल स्मृति मंच द्वारा दिनांक 10/2/2019 को आयोजित कवि सम्मेलन हेतु रचित मेरी यह कविता।

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