अक्सर
मुझे,
कवि
सम्मेलन में,
बुलाया
नहीं जाता,
अगर
कहीं बुला लिया,
दूसरे
दिन फेसबुक पर,
मेरा
फोटो नहीं आता।
पूछती है पत्नी मुझ से,
कवि सम्मेलन में जाने का,
मुझे सबूत दिखालाओ,
कल हुआ जो कवि सम्मेलन,
फेसबुक पर छपी अपनी,
एक
भी फोटो दिखलाओ।
श्रोताओं
आप मुझ पर,
कृपा
इतनी कर देना,
कोई शिकायत नहीं आपसे,
मेरी फोटो ले लेना।
हो सके तो फेसबुक पर,
फोटो मेरी डाल देना,
कविमन की व्यथा समझकर,
लाज मेरी बचा लेना।
ध्यान रखना कवि मित्रों,
फेसबुक का जमाना है,
शक तो करेगीं पत्नियां,
कवि धर्म निभाना है......
जगमोहन सिंह जयाड़ा
जिज्ञासू, 5/2/2019
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