Friday, March 16, 2012

"दस्तक"

आज समय देणु छ,
सब्बि उत्तराखण्ड्यौं तैं,
देवभूमि सी दूर न भगा,
अपणा मन मा,
पहाड़ प्रेम जगा,
याद रखा एक दिन,
यनु बग्त भि आलु,
हर क्वी मन ही मन,
भौत पछ्तालु,
समय का साथ पहाड़ मा,
विकास की ज्योति जगलि,
जै रोजगार का खातिर,
जाणा छैं तुम दूर परदेश,
वाँकी बयार भि बगलि,
रिश्ता कायम रखा,
प्यारा पहाड़ सी,
अब समय की पुकार छ,
समय की "दस्तक" सुणा,
भाषा अर संस्कृति सी जुड़ा,
देवी देव्तौं कू मुल्क छ हमारू,
पहाड़ पराणु सी प्यारू.
-जगमोहन सिंह जयाड़ा "जिज्ञासु"
(रचना: स्वरचित एवं प्रकाशित,सर्वाधिकार सुरक्षित )
दिनांक: १६.३.२०१२

1 comment:

  1. भौत भलु भैजी!!!
    भैजी म्यारी गढ़वाली कविताओं कु ब्लॉग मा आपकु हार्दिक स्वागत छ।
    www.garhwalikavita.blogspot.com

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