Thursday, January 12, 2023

कतै न कर्यन आस....

 


कवि सम्मेलना खातिर,

मैकु निमंत्रण आई,

अयोजकुन चिठ्ठी मा,

मैकु बताई,

कुछ मिललु न कर्यन आस,

आप जरुर ऐल्या,

हम्तैं छ पूरी आस,

अपणा कविता संग्रै की,

एक प्रति जरुर ल्हयन,

देखा जिज्ञासू जी,

आप जरुर अयन।

 

आयोजकु तै मैंन बताई,

वे दिन मैंन,

दूसरा कवि सम्मेलन मा जाण,

तख कौथिग भि लग्युं छ,

बारा व्यंजन खाण,

लिफाफु भि जरुर मिन्न,

द्वी हजारा आस पास,

मैं कतै नु ऐ सक्दु,

कतै न कर्यन आस।

कबलाट-1889 

28/12/2022

No comments:

Post a Comment

मलेेथा की कूल