Wednesday, January 5, 2011

"ह्यून्द हमारा मुल्क"

होलि ठेणी लगणि,
हाथ खुट्टौं फर,
पड़्युं होलु ह्युं,
मसूरी,धनोल्टी,सुरकंडा,
सिद्धपीठ चन्द्रबदनी,
चन्द्रकूट पर्वत,
जख बिटि होलु दिखेणु,
उत्तराखंड हिमालय.

ह्यून्द होलि छयिं,
ह्यून डांडी-काँठी,
चाँदी सी चमकणी,
खतलिंग,चौखम्भा, नंदाघूंटी,
गंगोत्री, पंचाचूली, त्रिशूली,
होलि मैतुड़ा अयिं,
प्यारी दीदी-भुलि.

प्यारा ब्वे बाबु मू,
जू होला कौम्पणा,
ढिक्याण का पेट,
होलि खुद बिसरौणी,
छकिक छ्वीं लगौणी,
होलि बाड़ी अर फाणु,
अपणा हाथुन बणौणि
ऊँ तैं खलौणी.

रचना: जगमोहन सिंह जयाड़ा "जिज्ञासु"
दिनांक: ५.१.२०१०
(सर्वाधिकार सुरक्षित एवं प्रकाशित)
www.pahariforum.com

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