मन मा ऊलार ल्हौन्दि छ,
जब औन्दि छ बग्वाळ,
नौना-बाळा, बेटी-ब्वारि,
साल भर करदा जग्वाळ।
जब जब औन्दि पाड़ मा,
बसगाळा बाद बग्वाळि,
खुश होन्दा सब्बि मनखि,
बणौन्दा पकोड़ी स्वाळि।
पुराणा जमाना मा जै दिन,
होन्दि थै बग्वाळ,
ब्वल्दा था दाना-सयाणा,
खूब खवा बग्वाळ।
बग्वाळ कु मतलब होन्दु,
जै दिन बण्दा भला पक्वान,
गेर भरी खान्दा सब्बि,
गरीब हो या धनवान।
आज का जमाना मा,
सदानि छ बग्वाळ,
हमारा पाड़ मा रन्दि थै,
बग्वाळ की जग्वाळ।
जगमोहन सिंह जयाड़ा “जिज्ञासू”
17/10/2019
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