Wednesday, April 7, 2021

बणांग

 


लग्दि निछ, लगौन्दा छन,

कुजाणि कै लालच मा?

हमारा पाड़ का मनखि,

जु हमारा अपणा हिछन,

जौंकि मति मा माटु पड़्युं,

दुश्मन छन भारी,

धर्ति माता का, प्रकृति का,

हे! बद्रिविशाल जी,

युं तैं सद्बुध्दि दे।

 

उत्तरकाशी बिटि नैनीताल,

संग्ता छन बल बुरा हाल,

बणांग लगौन्दारा बण्यंन,

डाळि बुटळ्यौं का काल।

 

बणांग लगिं डांडौं मा,

संट ह्वयुं वन विभाग,

जन का बण छन,

जन सहयोग सी बुझावा आग।

 

बण बूट मिटि जाला,

सुखि जाला पाणी का धारा,

सैल्वानि तब किलै आला?

घूमण कु पाड़ हमारा।

 

 सबक लेवा सब्बि लोग,

बणु की बुझावा आग,

संकल्प ल्येवा कतै नि लगौण,

प्यारा बणु मा बणांग।

 

जगमोहन सिंह जयाड़ा जिज्ञासू  

बागी-नौसाचंद्रवदनीटिहरी गढ़वाळ

संपर्क: 9654972366

दिनांक 08/04/2021

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