Wednesday, April 7, 2021

धौळि बचावा

 


धौळ्यौं कु जल्म छ ह्वयुं,

हिमालयी ग्लेशियरों बिटि,

ब्वल्दन जौंकु सदानीरा,

सागर जथैं बग्दु जान्दिन,

टकरान्दिन अपणा किनारों सी।

 

धौळ्यौं का धोरा छन,

प्रसिद्ध पंच प्रयाग,

जख ब्याखुनि बग्त,

बजदन शंख अर घाण्ड,

जगदन झिलमिल द्यू।

 

धौळ्यौं का धोरा बस्यां छन,

सैर अर बजार,

जख बिटि निकळ्दु छ,

प्रदूषित पाणी,

गंदळि कर्याल्यन धौळि,

हे! मनख्यौं तुम्न,

धौळ्यौं की पवित्रता,

कतै नि पछाणि।

 

आज आवाज उठणि,

धौळ्यौं तैं बचावा,

पबित्रता खत्म न करा,

धौळ्यौं तैं न सतावा।


जगमोहन सिंह जयाड़ा जिज्ञासू

रचना: 1632

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