Thursday, January 31, 2013

"नसीब"



मेरा यही है हंसोगे आप,
मेरी तरह कई इंसान जीते हैं,
तुम्हे क्या मतलब,
हमारी जिंदगी से,
हम अपने अंदाज में,
जिंदगी जीते हैं,
नहीं ख्वाइस हमें कोई,
जुगाड़ करके जिंदगी,
इस तरह जीते हैं,
दर्द दिख रहा होगा,
आपको हमारी जिंदगी में,
"नसीब" के सहारे जीते हैं
-जगमोहन सिंह जयाड़ा "जिज्ञासु"
31.1.2013 सर्वाधिकार सुरक्षित 
 

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