Wednesday, August 22, 2012

"कल ठेका बन्द रहेगा"


ठेकाखाळ हमारा गढ़वाळ,
नेतौं का प्यारा उत्तराखंड,
दारू की दुकानी मा लिख्युं थौ,
जब दरोळों की नजर पड़ी,
भारी ऊदास ह्वैन खड़ा खड़ी,
हैक्का दिन का खातिर भी,
लम्बी लैन मा लगिक,
एक बोतळ लेण पड़ी,
ठेका वाळा की बिक्री  डबल...
घन्ना भै की नजर भि पड़ी,
उदास भी ह्वै मन मा,
अफुमा सोचण लगि,
भोळ कखन प्यौलु,
जाण पड़लु कच्ची पेण,
दमै घेरा,
पौळ्या दिदा का धोरा,
भौत दिन का बाद.....

वेन अपणु मन बुझाई,
एक दिन कि त बात छ,
नि प्यौलु पक्की,
पराण त जाण सी रै,
क्या ह्वै तब, जू भोळ,
ठेका बन्द रहेगा....... 
-जगमोहन सिंह जयाड़ा (जिज्ञासु)
(सर्वाधिकार सुरक्षित एवं प्रकाशित) 
23.8.2012

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